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Saurabh Bharadwaj On Ashish Sood: दिल्ली की बीजेपी सरकार और आप के बीच प्राइवेट स्कूलों में फीस की बढ़ोतरी को लेकर तनातनी जारी है. इस बीच आप के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शुक्रवार (18 अप्रैल) को शिक्षा मंत्री आशीष ने एक कई ऐसी बातें कही हैं, जो बिल्कुल झूठ है. उन्होंने हाईकोर्ट की कार्यवाही को भी अपनी मर्जी के मुताबिक तोड़-मरोड़ कर मीडिया के सामने पेश किया. यह अदालत की अवमानना और अपराध है. 

सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा, ”शिक्षा मंत्री ने आशीष सूद ने कहा है कि बीजेपी सरकार दिल्ली के 650 प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कर चुकी है. यह संभव ही नहीं है. 10 दिन पहले सरकार ने ऑडिट करने की बात मीडिया के माध्यम से कही थी. 10 दिन के भीतर 650 स्कूलों का ऑडिट सरकार ने करा लिया समक्ष से परे है.”  

ऑडिट हो गई तो रिपोर्ट जारी क्यों नहीं करते शिक्षा मंत्री?  

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यदि शिक्षा मंत्री आशीष सूद सच बोल रहे हैं, तो दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 650 स्कूलों की ऑडिट की रिपोर्ट सभी के लिए जारी क्यों नहीं कर देते? आज 11 दिन हो गए हैं. शिक्षा मंत्री ऑडिट की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दें. जनता को बता दें कि किस स्कूल ने मुनाफाखोरी के चलते फीस बढ़ाई है. किस स्कूल ने जायज तरीके से फीस बढ़ाई है. 

उन्होंने कहा कि क्या आशीष सूद ने उस स्कूल को आदेश जारी किया कि जिस स्कूल ने फीस बढ़ाई है वो उसे छात्रों को वापस कर दे. यदि एक भी कोई ऐसा आदेश शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने जारी किया है तो उसकी कॉपी मीडिया के माध्यम से दिल्ली की जनता को दिखाएं. 

क्या कहा था आशीष सूद ने?

दरअसल, रेखा गुप्ता सरकार में शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा शुक्रवार को कहा था कि फीस बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया था कि पहले की सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को खुली छूट दी हुई थी. दिल्ली के अंदर स्कूल में फीस का मुद्दा पहली बार नहीं उठा है. 

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले यह बताए कि जब उसकी सरकार थी तो उन्होंने कितने स्कूलों का ऑडिट कराया. आज हम 600 स्कूल के ऑडिट रिपोर्ट को पेश कर रहे हैं. हमारी सरकार ने यह करके दिखा रही है. यह मुद्दा पहली बार अभिभावक के द्वारा नहीं उठाया गया. इससे पहले भी अभिभावक सड़कों पर उतरे हैं. 

बता दें कि यह सारा मामला 20 मार्च से उस समय शुरू हुआ जब द्वारका डीपीएस स्कूल तथा दिल्ली के अन्य और कई प्राइवेट स्कूलों ने अनाप-शनाप तरीके से अपनी फीस बढ़ा दी. जिन बच्चों के माता-पिता ने बढ़ी हुई फीस का भुगतान नहीं किया, उन बच्चों को डीपीएस स्कूल कक्षा में नहीं बैठने दे रहा था. ऐसे बच्चों को स्कूल प्रशासन लगातार प्रताड़ित कर रहा था. बच्चों को लाइब्रेरी में बैठाया जा रहा था. यहां तक की यदि बच्चे टॉयलेट करने भी जाते थे तो उस पर भी स्कूल प्रशासन ने पहरा लगाया हुआ था. 

DM ने रिपोर्ट में क्यों नहीं की फीस बढ़ोतरी की बात?

सौरभ भारद्वाज ने बताया की 3 अप्रैल को डीएम ने डीपीएस द्वारका का दौरा किया  डीएम की रिपोर्ट है उसमें डीएम द्वारा इस बात की जानकारी तो दी गई है कि बच्चों को क्लास अटेंड नहीं करने दी जा रही है, लाइब्रेरी में बैठाया जा रहा है, प्रताड़ित किया जा रहा है. परंतु मनमाने तरीके से स्कूल द्वारा बढ़ाई गई फीस के संबंध में डीएम की ओर से कोई भी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत नहीं की गई है. 

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