Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मदरसा शिक्षा नीति को लेकर शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की है. सीएम योगी ने कहा है कि अब मदरसों को केवल मजहबी शिक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहिए. एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मदरसा शिक्षा में बड़े बदलाव की जरूरत है. उन्होंने साफ कहा कि जब तक मदरसे अवस्थापना मानकों को पूरा नहीं करते, उन्हें मान्यता न दी जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद सिर्फ सुधार नहीं है, बल्कि मदरसा शिक्षा को नवाचार और समावेशिता के साथ मुख्यधारा से जोड़ना है.
उन्होंने कहा कि मदरसों के बच्चों को भी गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान जैसी आधुनिक पढ़ाई का पूरा लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है. बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रदेश में 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें करीब 12.35 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. इनमें से 561 मदरसे ऐसे हैं जिन्हें राज्य सरकार से अनुदान मिलता है. इन मदरसों में करीब 23 हजार से अधिक शिक्षक और कर्मचारी काम कर रहे हैं.
बोर्ड परीक्षा में छात्रों की संख्या में गिरावट पर सीएम ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. वर्ष 2016 में जहां यह संख्या 4.22 लाख थी, वहीं 2025 में घटकर मात्र 88 हजार रह गई. मुख्यमंत्री ने इसे चिंताजनक बताते हुए सुधार की जरूरत बताई.
मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया होगी पारदर्शी
मुख्यमंत्री ने मदरसों में पारदर्शिता और गुणवत्ता लाने पर जोर देते हुए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने एक उच्चस्तरीय समिति बनाने के आदेश दिए, जिसकी अध्यक्षता निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण करेंगे. इस समिति में शिक्षा, वित्त और न्याय विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे. समिति मदरसों के संचालन, शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और पाठ्यक्रम में बदलाव पर सिफारिशें देगी.
गौरतलब है कि प्रदेश में मदरसा शिक्षा को व्यवस्थित करने के लिए अगस्त 2017 में मदरसा पोर्टल की शुरुआत की गई थी. इसके जरिए परीक्षाएं, प्रमाणपत्र, पंजीकरण और अन्य कार्य ऑनलाइन हो गए हैं, जिससे व्यवस्था में पारदर्शिता आई है. साथ ही अब सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर SCERT के पाठ्यक्रम लागू किए जा रहे हैं.
पाठ्यक्रम और शिक्षकों की योग्यता पर बदलाव जरूरी- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि मदरसा शिक्षा को नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बनाना होगा. इसके तहत पाठ्यक्रम और शिक्षकों की योग्यता में बदलाव जरूरी है. उन्होंने कहा कि मदरसे केवल मजहबी शिक्षा केंद्र न बनें, बल्कि वहां से निकलने वाले बच्चे समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और बेहतर भविष्य की ओर बढ़ें.
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