जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने अटारी वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है. केंद्र सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़कर पाकिस्तान जाने के आदेश दिए हैं. इस आदेश ने 14 दिन पूर्व पाकिस्तान के सिंध से अपने ससुराल जैसलमेर आई दो दुल्हनों की नींद उड़ा दी है.
दरअसल जैसलमेर के देवीकोट निवासी चचेरे भाई सालेह मोहम्मद और मुश्ताक अली जुलाई 2023 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले में अपनी बुआ से मिलने गए थे. वहां सालेह मोहम्मद को करम खातून व मुश्ताक अली को सचुल से प्यार हो गया.
सालेह मोहम्मद के ने बताया कि अगस्त 2023 में दोनों परिवारों की रजामंदी के बाद दोनों का निकाह करवा दिया गया. करम खातून व सचुल भी चचेरी बहनें है. निकाह के बाद दोनों दुल्हनों को भारत का वीजा नहीं मिल सका. इस बीच दोनों दूल्हे अपनी दुल्हनों को छोड़कर सितंबर 2023 में भारत लौट आए और वीजा मिलने पर दुल्हनों के ससुराल आने का इंतजार करने लगे. करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद दोनों दुल्हनों को अप्रैल 2025 में भारत सरकार ने वीजा जारी किया.
दोनों 13 अप्रैल को जैसलमेर आई और परिवार के साथ रहने लगी. 10 दिन बाद 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हो गया. इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश जारी कर दिए. सालेह मोहम्मद के पिता हाजी अब्दुल्लाह का कहना है कि करम खातून की मां की मौत हो चुकी है. उसे पिता ने ही पाला और निकाह के बाद पिता भी अरब में काम करने चले गए. ऐसे में हम करम खातून को किसके भरोसे वापस पाक भेजे.
उनका कहना है कि वे दोनों दुल्हनों को अकेले पाक नहीं भेज सकते हैं. वहीं दुल्हन करम खातून का कहना है कि हमारा निकाह हमारी मर्जी से हुआ था. बड़ी मुश्किल से हम दोनों बहनें जैसलमेर पहुंची है अब सरकार ने हमें वापिस पाकिस्तान भेजने का फरमान जारी किया है.लेकिन हम लोग मर जाएंगे पर वापिस पाकिस्तान नहीं जाएंगे.
(जैसलमेर से गनपत दैया की रिपोर्ट)
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