Delhi Police Exposed Racket Of Fake Books: दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में शिक्षा के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. नामी प्रकाशनों की लाखों रुपये की नकली किताबें बेचने वाले एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी न सिर्फ कानून व्यवस्था की जीत है, बल्कि उन लाखों छात्रों के हितों की रक्षा भी है, जिनके हाथों में असली ज्ञान की जगह अब तक नकली किताबें थमाई जा रही थीं.
यह मामला तब सामने आया जब भारती भवन पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स तथा एस. चंद एंड कंपनी लिमिटेड के वितरक उत्कर्ष राज ओझा ने थाना खजूरी खास में शिकायत दी कि दिल्ली के सोनिया विहार में बड़े पैमाने पर इन कंपनियों की नकली किताबें छापी और बेची जा रही हैं. सूचना मिलते ही डीसीपी हरेश्वर वी. स्वामी (IPS) के निर्देशन में एएटीएस, डीआईयू और खजूरी खास थाना पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई. इंस्पेक्टर योगेश वशिष्ठ के नेतृत्व में टीम ने जैसे ही सोनिया विहार की गलियों में दबिश दी, नकली ज्ञान के इस धंधे की परतें खुलनी शुरू हो गईं.
दिल्ली पुलिस के गिरफ्त में मास्टरमाइंड
छापेमारी में गिरफ्तार हुआ राम देव गुप्ता एक बेहद शातिर अपराधी, जो पहले भी इसी तरह के धंधे में पकड़ा जा चुका है. उसके ठिकाने से 3300 नकली पुस्तकें बरामद हुईं, जो दिखने में हूबहू असली जैसी थीं. यही नहीं, पूछताछ में आरोपी ने तीन और गोदामों का खुलासा किया. पुलिस ने जब इन गोदामों पर छापा मारा तो वहां से 6246 नकली किताबें, 1471 नकली होलोग्राम स्टिकर और अन्य प्रकाशनों की एक लाख से ज्यादा फर्जी पुस्तकें बरामद की गईं. बरामदगी इतनी बड़ी थी कि पुलिस को ट्रकों की मदद से सामग्री थाने लानी पड़ी.
दिल्ली एनसीआर में फैला है नेटवर्क
जांच अधिकारियों के अनुसार, राम देव एक पूरा नेटवर्क चला रहा था जो NCR में स्कूलों और किताब विक्रेताओं को कम दामों में नकली किताबें सप्लाई करता था. उसका मकसद था कमाई, वो भी छात्रों की मेहनत और शिक्षा की कीमत पर मामले की जांच डीआईयू प्रभारी इंस्पेक्टर अन्तरिक्ष आलोक, एसआई अभिषेक और एएसआई विपिन कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी जल्द होगी