अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह विवाद से जुड़ी बड़ी खबर, हिंदू पक्ष को लगा बड़ा झटका. अजमेर की दरगाह को भगवान शिव का मंदिर बताए जाने के दावे को लेकर दाखिल किए गए मुकदमे में आज हुई सुनवाई
केंद्र सरकार की तरफ से आज की सुनवाई में दाखिल किया गया हलफनामा
केंद्र सरकार ने हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के मुकदमे को खारिज किए जाने की सिफारिश की
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय की तरफ से मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाए गए और कहा गया कि हिंदू सेना का मुकदमा सुने जाने योग्य नहीं है
इस मुकदमे को खारिज कर दिया जाना चाहिए
केंद्र सरकार की इस सिफारिश से हिंदू पक्ष को लगा बड़ा झटका
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय की सिफारिश की वजह से अदालत ने आज की सुनवाई स्थगित कर दी
अजमेर की जिला अदालत इस मामले में अब 31 मई को करेगी सुनवाई
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के जवाब में कहा गया कि हिंदू सेना के मुकदमे में कोई आवश्यक स्थिति होने का आधार नहीं दिया गया है
इसके साथ ही भारत संघ को भी पक्षकार नहीं बनाया गया है
अंग्रेजी में दाखिल किए गए मुकदमे का हिंदी अनुवाद भी ठीक से नहीं किया गया है
अंग्रेजी में दाखिल मुकदमे और उसके अनुवाद में फर्क है
27 नवंबर 2024 को हुई सुनवाई में पारित आदेश में विपक्षी पार्टियों को सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया है
ऐसे में इस मुकदमे को खारिज कर उसे वापस लौटा देना चाहिए
इस मामले में 31 मई को होने वाली अगली सुनवाई में हिंदू सेना को केंद्र सरकार की सिफारिश पर अपना जवाब दाखिल करना होगा
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता का कहना है कि इस मामले में कानूनी राय लेकर उचित जवाब दाखिल किया जाएगा
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने तकनीकी आधार पर मुकदमे को खारिज किए जाने की सिफारिश की है
अगर कोई तकनीकी कमी है तो उसे सुधार कर लिया जाएगा
केंद्र सरकार के इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने संतुष्टि जताई है
खादिमों की अंजुमनों के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने कहा है कि इस मामले में हम लोग यानी मुस्लिम पक्ष शुरू से ही मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठा रहे थे
और उसे खारिज करने की अपील कर रहे थे
केंद्र सरकार सिफारिश के बाद यह साफ हो गया है कि मुकदमा सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए दाखिल किया गया था
इसका कोई आधार नहीं था
इसके जरिए आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई थी
मुस्लिम पक्ष ने केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और मुकदमे को खारिज किए जाने की मांग को दोहराया है